रक्षाबंधन केवल राखी
बांधने का पर्व नहीं है, यह भाई-बहन के प्यार, स्नेह और सुरक्षा के वचन का
उत्सव है। इस पर्व का हिंदू संस्कृति में अत्यंत महत्वपूर्ण स्थान है और इसे
श्रावण मास की पूर्णिमा तिथि को पूरे भारत में हर्षोल्लास के साथ मनाया जाता है।
रक्षाबंधन 2025
की तिथि और शुभ
मुहूर्त
- रक्षाबंधन
की तिथि: शनिवार, 9 अगस्त 2025
- राखी
बांधने का शुभ मुहूर्त:
- सुबह 5:35/5:39
से दोपहर 1:24 बजे तक
- अभिजीत
मुहूर्त: दोपहर 12:00 या 12:17 से 12:53 बजे तक रहेगा
- ब्रह्म
मुहूर्त: सुबह 4:22 से 5:04 बजे तक
- भद्रा
काल:
- भद्रा 8
अगस्त दोपहर बाद शुरू होकर 9 अगस्त तड़के 1:52
बजे समाप्त हो जाएगी.
9 अगस्त की सुबह से भद्रा का साया नहीं रहेगा, अतः राखी बांधने का संपूर्ण मुहूर्त शुभ रहेगा.
रक्षाबंधन का
धार्मिक एवं सांस्कृतिक महत्व
- मूल
भावना: इस दिन बहनें अपने भाई की कलाई पर राखी बांधती हैं और
उसके दीर्घायु, सुख-समृद्धि एवं सुरक्षा की कामना करती हैं। बदले में
भाई बहन को जीवनभर रक्षा का वचन देता है.
- पौराणिक
सन्दर्भ: माँ लक्ष्मी द्वारा राजा बलि को राखी बांधना, और
द्रौपदी द्वारा श्रीकृष्ण को राखी बांधना, इस पर्व को ऐतिहासिक
गहराई देते हैं।
- सामाजिक
महत्त्व: बाध्यताओं से ऊपर उठकर भाई-बहन एक-दूसरे के लिए अपने
कर्तव्य और प्रेम को निभाने की प्रेरणा प्राप्त करते हैं।
शुभ योग और खास
बातें (2025)
- इस साल
रक्षाबंधन पर सौभाग्य योग, शोभन योग, सर्वार्थसिद्धि
योग जैसे कई शुभ योग बन रहे हैं।
- ये योग
रक्षाबंधन के दिन इसे और अधिक फलदायी एवं मंगलकारी बनाते हैं.
रक्षाबंधन पूजन
विधि
- पूजा की
थाली तैयार करें – इसमें अक्षत (चावल), रोली, दीपक,
मिठाई और राखी रखें।
- भाई के
माथे पर तिलक लगाएं, उसके दाहिने हाथ पर रक्षा सूत्र बाँधें।
- आरती
उतारें और अपने भाई के सुख-समृद्धि व दीर्घायु की कामना करें।
- मिठाई
खिलाएँ और उपहार या आशीर्वाद लें।
- भाई बहन
की रक्षा का वचन दे तथा उपहार दें।
रक्षाबंधन पर
विशेष सावधानियां
- राखी
हमेशा शुभ मुहूर्त में ही बांधें। भद्रा, राहुकाल या अशुभ काल
में राखी बांधना उचित नहीं माना जाता।
- पूजन के
समय पूर्व या उत्तर दिशा का चयन करें।
- तिथि: शनिवार,
9 अगस्त 2025
- मुख्य
मुहूर्त: सुबह 05:39 AM से 01:24 PM तक।
- अभिजीत
मुहूर्त: दोपहर 12:17 PM से 12:53 PM (सर्वश्रेष्ठ
समय)।
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