धर्म, दर्शन और ज्योतिष की शोधपरक जानकारी - Infotrends

धर्म, दर्शन और ज्योतिष की शोधपरक जानकारी - Infotrends

श्रीकृष्ण जन्माष्टमी 2025: व्रत विधि, पूजन मुहूर्त और शास्त्रीय प्रमाण

infotrends
0
श्रीकृष्ण जन्माष्टमी 2025: व्रत विधि, पूजन मुहूर्त और शास्त्रीय प्रमाण

🌕 श्रीकृष्ण जन्माष्टमी 2025:व्रत विधि,पूजन मुहूर्त और शास्त्रीय प्रमाण

📚 धर्मसिन्धु (नारायण भट्ट कृत)

व्रत तिथि निर्णय:
"भाद्रपदकृष्णाष्टमी रोहिणीयुता सा जयन्ती।
तदभावे तिथिमात्रेण व्रतं सम्पूर्णफलदम्॥"
➤ यदि रोहिणी न हो, तो केवल अष्टमी तिथि पर व्रत करने से भी पूर्ण फल मिलता है।

रात्रि जागरण का विधान:
"अर्धरात्रे विष्णुं संपूज्य कीर्तनं जागरणं च कर्तव्यम्।
तदशक्तौ प्रदोषादौ पूजा विधेया॥"
➤ अर्धरात्रि में विष्णु की पूजा, कीर्तन व जागरण करें।

📘 निर्णयसिन्धु (कमलाकर भट्ट कृत)

तिथि प्रधानता:
"अष्टमी तिथौ वैष्णवैर्व्रतं कार्यम्।
नक्षत्रयोगस्तु फलविशेषाय, न तु व्रतानधिकाराय॥"
➤ वैष्णवों को अष्टमी तिथि पर ही व्रत करना चाहिए।

द्वितीय दिवस व्रत विधि:
"यदि अष्टमी द्वयसन्धिगा भवेत्, तदा उभयदिनेऽपि व्रतं श्रेयः।
पारणं तु नवम्यां सितायाम्॥"
➤ यदि अष्टमी दो दिनों पर हो, तो दोनों दिन व्रत करना उत्तम है।

🔯 ज्योतिष व धर्मशास्त्र सम्मत 2025 विधि

  • व्रत तिथि: 15 अगस्त 2025 (शुक्रवार)
  • कारण: अष्टमी का मुख्य भाग इसी दिन है (84%)
  • मध्यरात्रि पूजन मुहूर्त: रात 12:07 बजे
  • प्रदोषकाल विकल्प: शाम 07:01 से 09:22 बजे तक
  • द्वितीय व्रत: 16 अगस्त (श्रद्धा अनुसार)
  • पारण: 16 अगस्त, सुबह 06:28 बजे (रोहिणी आरंभ पर)

🌿 शास्त्र वचन (संदर्भ)

भविष्य पुराण (उत्तर पर्व, अध्याय 20):
"भाद्रपदे कृष्णपक्षे या अष्टमी रोहिणीयुता।
तस्यां जातो हरिः पूर्वं तस्मात् सा पुण्यदा नृणाम्॥"
➤ श्रीकृष्ण का जन्म इसी तिथि को हुआ, अतः यह पुण्यदायिनी है।

स्कन्द पुराण (वैष्णव खण्ड):
"जन्माष्टमीव्रतं नाम सर्वपापप्रणाशनम्।
यः करोति स विज्ञेयो मोक्षं प्राप्नोति नान्यथा॥"
➤ यह व्रत सभी पापों का नाश करता है व मोक्ष प्रदान करता है।

नारद पुराण (1.124.59):
"अर्धरात्रौ तु यः कुर्यात् पूजां कृष्णस्य भक्तितः।
स याति परमं स्थानं नात्र कार्या विचारणा॥"
➤ जो अर्धरात्रि में कृष्ण की पूजा करता है, वह परमधाम को प्राप्त करता है।

🌟 सारांश: शास्त्रानुसार निष्कर्ष

प्रश्न धर्मसिन्धु निर्णयसिन्धु 2025 के लिए
व्रत तिथि अष्टमी तिथि प्रमुख तिथि > नक्षत्र 15 अगस्त
रोहिणी अभाव तिथिमात्र से पूर्ण फल व्रतानधिकारः तिथौ एव केवल अष्टमी मानें
पारण नवमी सूर्योदये नवम्यां सितायाम् 16 अगस्त सुबह 06:28 बजे

🪔 शास्त्र सिद्धांत:
"अष्टमी तिथौ उपवासः, नक्षत्रे पूजा विशेषः"
अतः 2025 में 15 अगस्त को व्रत व 16 अगस्त को रोहिणी में झूला पूजन करें।

💐 जन्माष्टमी की शुभकामनाएँ! 🕉️

एक टिप्पणी भेजें

0 टिप्पणियाँ

एक टिप्पणी भेजें (0)

#buttons=(Ok, Go it!) #days=(20)

Our website uses cookies to enhance your experience. Check Now
Ok, Go it!